high-speed-train

भारत में अब जल्द ही ट्रेनों की स्पीड 600 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो जाएगी। भारत सरकार का रेल मंत्रालय इस विषय पर काम कर रहा है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु के अनुसार भारतीय रेल को अब 5जी की गति दी जायेगी। इसके लिए रेल मंत्रालय मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैज़ेट निर्माता एप्पल जैसी वैश्विक कंपनियों से अनुबंध करने की तैयारी में है। एप्पल जो अब तक उच्च तकनीकी और आधुनिकता से युक्त इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बनाने को लेकर जानी जाती है, अब इसी एप्पल कंपनी के सहयोग से भारतीय ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी।

पहले 18 हज़ार करोड़ रुपये की लागत से दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता के बीच बढ़ेगी रफ़्तार:

केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया कि मंत्रालय पहले देश के दो सबसे व्यस्ततम रेल मार्ग दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता के बीच हाई-स्पीड लाने पर काम कर रहा है। इसके लिए नीति आयोग से 18 हज़ार करोड़ रुपये के प्रस्ताव की मंजूरी मांगी गई है। आयोग ने इसकी अनुमति दे दी है। प्रभु ने बताया कि यात्रा में लगने वाले समय में कटौती करने, और यात्रियों की सुविधाओं में बढ़ोतरी करने के लिए रेल मंत्रालय ट्रेनों को हाईटेक और हाई स्पीड बनाने जा रहा है।

मेक इन इण्डिया के तहत किया जाएगा काम:

हालांकि एप्पल जैसी विश्वस्तरीय कंपनी के सहयोग से भारतीय रेल की स्पीड बढ़ाई जाएगी, बावजूद इसके पूरी कार्ययोजना भारत में तैयार होगी। इससे सम्बंधित काम भारत में ही किए जाएंगे। रेल मंत्री ने बताया कि देश में प्रौद्योगिकी का आयात नहीं किया जाएगा। उसका यहीं विकास किया जाएगा।

भविष्य की योजनाओं को साझा करते हुए रेल मंत्री प्रभु ने कहा कि सरकार ट्रैन की स्पीड बढ़ाने के विषय में बहुत पहले से काम कर रही है। इसके लिए एप्पल जैसी बड़ी कंपनियों को देश में बुलाया गया है।

सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है:

रेल मंत्री ने कहा कि भारतीय रेल की गति बढ़ाने के साथ ही सरकार इसमें सुरक्षा के फीचर्स बढ़ाने पर भी काम कर रही है। इसके लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सरकार इस विषय में एप्पल की टेक्नोलॉजी का सहयोग लेगी। रेल मंत्री ने कहा कि सुरक्षा एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है। इसे ध्यान में रखकर भारतीय रेलवे ऐसे डिब्बों के उपयोग की योजना बना रहा है, जो अल्ट्रासोनिक प्रौद्योगिकी के जरिये रेल या पटरियों में किसी भी तरह की टूट-फूट का पता लगा सके।