2017 का पहला दिन। उम्मीदों की नई किरण के साथ आया है यह साल। नोटबंदी और उससे जुड़ी परेशानियों को अलग कर दें तो इस साल में उम्मीद की जा रही है कि अजमेर शहर की तस्वीर बदलेगी। स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट, हृदय योजना के काम, अमृत योजना के काम, डीएफसीसी प्रोजेक्ट, किशनगढ़ के हवाई अड्डे से हवाई जहाजों की उड़ान जैसे अनेक काम 2017 में पूरे होने की उम्मीद है।

335 मीटर लंबी बनेगी सुरंग

स्मार्ट सिटी का दफ्तर तलाश लिया गया है, जल्द ही वहां से शहर को स्मार्ट बनाने की कवायद भी शुरू हो जाएगी। पिछले दिनों हुई एडीए बोर्ड की बैठक में अजमेर-पुष्कर के बीच सुरंग के कार्य को लेकर भी सैद्धांतिक सहमति बन गई है। करीब 335 मीटर लंबी बनने वाली इस सुरंग को लेकर सर्वे सहित अन्य कार्य इसी साल शुरू होने की उम्मीद है। अजमेर रेल मंडल की ओर से सैकंड एंट्री गेट को लेकर चल रही कवायद भी अपनी पूरी गति पर है।जल्द ही यहां काम शुरू हो जाएगा।

शहरवासियों को मिलेगी सैकंड एंट्री गेट की सौगात

सितंबर 2017 तक सैकंड एंट्री गेट की सौगात शहरवासियों को मिलने की उम्मीद की जा रही है। स्वास्थ्य की ओर अगर हम आगे बढ़ें तो जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में कार्डियोथोरेसिक यूनिट में जनवरी से ऑपरेशन शुरू हो जाएंगे। इससे हृदय रोगियों को राहत मिलेगी। ऑपरेशन से संबंधित नए उपकरण भी नए साल के पहले सप्ताह में खरीद लिए जाने की संभावना है। करीब 58 लाख रुपए के उपकरणों की खरीद की जानी है। इसी प्रकार डायलिसिस सुविधा भी इसी साल से मिलने लग जाएगी।

राइट इफेक्ट

हवाई अड्‌डा: 90% काम पूरा

किशनगढ़ हवाई अड्डे से इस साल के मध्य तक हवाई जहाज उड़ान भरने लगेंगे। जुलाई से ट्रायल लैंडिंग शुरू हो जाएगी। तेजी से काम चल रहा है। करीब 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। हालांकि काम 2016 में ही पूरा होना था, लेकिन केंद्र की सरकार बदलने और जमीन संबंधी कुछ अड़चनों के चलते करीब एक साल की देरी हो गई। अजमेर वासियों को इस साल सेवाएं मिल सकती हैं।

स्मार्ट सिटी: बड़े काम शुरू होंगे

स्मार्ट सिटी के काम इस साल आरंभ हो जाएंगे। दफ्तर तो तलाश लिया गया है। 2016 की सबसे बड़ी उपलब्धि ही यही रही कि अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल हो गया। यह प्रोजेक्ट आरंभ होते ही बड़े काम आरंभ होंगे। कुछ काम तो आरंभ कर दिए गए हैं। सुभाष उद्यान में जो काम कराए जाने हैं, उस पर अमल शुरू हो गया है। आनासागर के एक और बड़े हिस्से में पाथ वे, साइक्लिंग ट्रैक बनाने का काम आरंभ हो गया है। फिलहाल झील के किनारे के करीब 20 से 25 फीट हिस्से को पाटा जा रहा है ताकि ट्रैक बन सके।

रोजाना पानी: उम्मीद इस साल भी

2016 में जिला प्रशासन अजमेर शहर में रोजाना पानी वितरण का काम आरंभ नहीं करवा सका। जलदाय महकमे के निचले स्तर के इंजीनियर ही शीर्ष प्रशासनिक अफसरों को गुमराह करने में कामयाब हो रहे हैं। यही कारण है कि रोजाना पानी सप्लाई की व्यवस्था पर अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है। प्रशासनिक अफसर यदि सख्ती से काम लें तो एक दिन में रोजाना सप्लाई की स्थायी व्यवस्था आरंभ हो सकती है।

साभार- दैनिक भास्कर डॉट.कॉम