CNG station
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प्रदुषण नियंत्रण के नए आयाम स्थापित करने की दिशा में राजस्थान के जयपुर, कोटा और बारां में जल्द ही सम्पीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) के स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। सम्पूर्ण परियोजना के अंतर्गत दिल्ली से जयपुर, कोटा, इंदौर और मुंबई के रुट पर सीएनजी स्टेशन किए जाने की योजना प्रस्तावित है। इस योजना का क्रियान्वयन राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड (आरएसजीएल) और इंडियन ऑइल कारपोरेशन मिलकर कर रहे हैं। वाहनों में पेट्रोलियम ईंधन का उपयोग काम करने की दिशा में यह कदम सरकार ने उठाया है। इसके अंतर्गत वाहनों में प्राकृतिक गैस के उपयोग से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा।

इन रूट पर स्थान कर लिए गए हैं चिन्हित

सरकार अपनी योजनान्तर्गत जयपुर से दिल्ली जाने वाले हाइवे पर दो सीएनजी स्टेशन खोलने जा रही है। इन स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है। इसके तहत दिल्ली से जयपुर की तरफ 166 किलोमीटर की दूरी पर गोवर्धनपुरा और 187 किलोमीटर की दूरी पर विराटनगर में सीएनजी स्टेशन खोलने के लिए जगह चिन्हित कर ली गई है। इसके अतिरिक्त नीमराना में मेगा सीएनजी स्टेशन की स्थापना की जाएगी। साथ ही कूकस में एक बूस्टर सीएनजी स्टेशन स्थापित किया जाएगा।

जयपुर से कोटा-बारां रूट और फिर मुंबई तक स्थापित किए जाएंगे सीएनजी स्टेशन

जयपुर-दिल्ली हाइवे के बाद सरकार जयपुर से कोटा और बारां जाने वाले रास्ते पर भी सीएनजी स्टेशन स्थापित करने पर काम करेगी। इसके तहत अगले चरण में इंदौर से मुंबई जाने वाले राजमार्ग में भी सीएनजी स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। राजस्थान की पेट्रोलियम कंपनी राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड (आरएसजीएल), इंडियन ऑइल कारपोरेशन के साथ मिलकर इस योजना पर काम कर रही है।

प्रकृति के लिए हानिकारक नहीं है सीएनजी

सीएनजी यानि सम्पीड़ित प्राकृतिक गैस के प्रयोग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस गैस के ईंधन के रूप में उपयोग से पर्यावरण प्रदूषित नहीं होता है। अन्य पेट्रोलियम ईंधन जहाँ एरोमेटिक होने के कारण काले धुंए के साथ उत्सर्जित होते हैं, वहीँ सीएनजी पर्यावरण पर किसी तरह का दुष्प्रभाव नहीं डालती। पर्यावरण के हित में होने के साथ ही आर्थिक रूप से भी प्राकृतिक गैस (सीएनजी) पेट्रोलियम ईंधन के मुक़ाबले काफी किफायती पड़ती है।