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प्रदेश के गाँव-गाँव में जाकर वहां के निवासियों को उनकी ज़मीन का मालिकाना हक़ देकर उन्हें भू-स्वामी बनाने वाला राजस्थान सरकार का महत्वाकांक्षी दीनदयाल उपाध्याय पट्टा आवंटन अभियान अपेक्षाओं से बढ़कर सफल रहा। पूरे राजस्थान में अभियान के तहत हर ज़िलें के हर गाँव में कुल 5 हजार 672 शिविर आयोजित कर 3 लाख 4 हजार 521 लोगों को निःशुल्क आवासीय पट्टा ग्राम पंचायतों द्वारा जारी किये गये हैं। सरकार के इस अभियान से आज ग्रामीण जन-जीवन में प्रशासन और व्यवस्था के प्रति सम्मान और विश्वास में वृद्धि हुई है। लोगों में भरोसा आया है कि एक अच्छी सरकार हमेशा हर तबके के साथ है।

वंचितों को मिला उनका हक़:

राजस्थान सरकार के इस प्रयास से अनेकों वर्षों से अपनी ज़मीन, अपने घर का स्वामित्व लेने की चाह में लगे ग्रामीणों को राहत मिली है। राजस्थान के ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि राज्य में 14 अप्रेल, 2017 से आवासीय पट्टा आवंटन अभियान शुरू किया गया था। डेढ़ महीने के अंदर वर्षों से वंचित ग्रामीणों को उनके निवास का मालिकाना हक़ दिया गया। सरकार की इस पहल से लाभान्वित हुए ग्रामीणों के हाथ में जब उनके घर के कागज़ात आये, तो उनमे नयी ऊर्जा और उत्साह का संचार हो गया। अनेकों लोग जो सालों से बिना सरकारी हक़ के अपनी ज़मीन संभाले बैठे थे,  इन शिविरों में पट्टा मिलने पर बड़े खुश नज़र आये।

ग्रामीणों को उनका अधिकार देने वाले इस अभियान का संचालन सभी गाँवों में पंचायत स्तर पर किया गया था। इसमें पंचायत सहायकों, ग्राम सेवकों, पटवारी, सरपंच व प्रधान सहित सभी सरकारी व प्रशासनिक अधिकारी ग्रामीणों की सहायतार्थ मौजूद रहे।

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हर तबका हुआ लाभान्वित:

राजस्थान सरकार ने अपने इस अभियान द्वारा ग्रामीण परिवेश के व्यक्ति-व्यक्ति को लाभ पहुँचाया। सरकार ने  समता और बराबरी पर काम करते हुए हर वर्ग,  हर तबके को उसका हक़ नवाज़ा। मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि पट्टा अभियान में 64 हजार 347 अनुसूचित जाति, 28 हजार 935 अनुसूचित जनजाति व 2 लाख 11 हजार 239 सामान्य वर्ग आवेदकों तथा 49 हजार 538 महिलाओं को आवासीय पट्टे जारी किये गये हैं। सरकार ने इस अभियान में लोगों को हर तरह का फायदा पहुँचाते हुए स्टाम्प ड्यूटी की निम्नतम दर तय की तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले आवेदकों से कोई स्टाम्प ड्यूटी नहीं ली गई।

सरकार ने दिए सटीक आंकड़े:

प्रदेश सरकार ने इस अभियान से लाखों लोगों को उनकी ज़मीन, घर, संपत्ति के अधिकार के प्रश्न पर निश्चिन्त कर दिया है। सरकार ने अपने इस अभियान की प्रगति और संचालन का बारीकी से निरीक्षण कर जिलेवार आवंटित 3 लाख से अधिक पट्टों के सटीक और सरल सरकारी आंकड़े जनता के सामने रखे। जिसके अनुसार –

अजमेर जिले में 24 हजार 266, अलवर जिले में 9 हजार 641, बांसवाड़ा में 3 हजार 567, बारां में 12 हजार 677, बाड़मेर में 7 हजार 302, भरतपुर में 11 हजार 555, भीलवाड़ा में 28 हजार 389, बीकानेर में 3 हजार 662, बून्दी में 5 हजार 415, चित्तौड़गढ़ में 11 हजार 662 पट्टे जारी किये गये।

इसी प्रकार चूरू जिले में 9 हजार 696, दौसा में 3 हजार 348, धौलपुर में 8 हजार 585, डूंगरपुर में 2 हजार 979, हनुमानगढ़ में 18 हजार 606, जयपुर में 6 हजार 493, झालावाड़ में 7 हजार 156 आवासीय पट्टे ग्राम पंचायतों द्वारा जारी किये गये हैं।

झुंझुनूं जिले में 5 हजार 181, जोधपुर में 10 हजार 631, करौली में 4 हजार 803, कोटा में 6 हजार 438, नागौर में 8 हजार 259, पाली में 9 हजार 693, प्रतापगढ़ में 3 हजार 104, राजसमंद में 5 हजार 776, सवाई माधोपुर में 6 हजार 656, सीकर में 4 हजार 312, सिरोही में 3 हजार 408, श्रीगंगानगर में 23 हजार 26, टोंक में 6 हजार 649 एवं उदयपुर जिले में   8 हजार 888 पट्टे अब तक जारी किये हैं। राजस्थान सरकार ने इस तरह प्रदेशवासियों के अधिकारों के आवेदन पर अपने कर्तव्य की मुहर लगाई है।