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राजस्थान में सरकारी सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल और कार्य बहिष्कार को लगातार 8 दिन हो चुके हैं। हाईकोर्ट आदेश जारी कर चुका है और सरकार वार्ता करने को तैयार है लेकिन डॉक्टर्स के साथ रेजीडेंट्स की हठधर्मिता बेदस्तूर जारी है। सरकार के साथ हुए समझौते के एकदम बार 12 डॉक्टर्स के तबादले को लेकर की जा रही इस हड़ताल का तोड़ कहीं नजर नहीं आ रहा है। दूसरी ओर, इस चिकित्सीय हड़ताल की आग अन्य राज्यों से होते हुए पूरे देशभर में फैलती जा रही है। तमिलनाडू, उत्तरप्रदेश, मिजोरम, उडीसा, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा और झारखंड के सेवारत चिकित्सकों सहित सेवारत चिकित्सक संघ के राष्ट्रीय पदाधिकारी संघ ने भी इस हड़ताल को समर्थन देते हुए काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया है। यहां तक की निजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने भी शुक्रवार सुबह 9 से 11 बजे तक काली पट्टी बाजू पर बांध विरोध प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारेबाजी की। प्राइवेट चिकित्सकों के इस तरह हड़ताल का समर्थन करने से निजी अस्पतालों में भी स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ती नजर आ रही है। दूसरी ओर चिकित्सामंत्री कालीचरण सराफ ने ट्रांसफर पर रोक लगाने से साफ इंकार कर दिया है।

डॉक्टर्स की इस तरह की हड़ताल का देशव्यापी समर्थन मरीजों की जान आफत में लाने वाला साबित होता जा रहा है। इन 7 दिनों में इलाज के अभाव में 15 से अधिक मौत होने की जानकारी मिली है। इसी बीच प्राइवेट डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन समझ से बाहर है। निजी अस्पतालों में इस तरह के वातावरण आने से इलाज कराने की तलाश में सरकारी अस्पतालों से बाहर निकले मरीजों की जान आफत में आ गई है। एक ही पेशे में होने की वजह से देशभर के डॉक्टर्स ने राजस्थान में सरकारी चिकित्सकों पर सरकार की दमनकारी नीतियों पर विरोध जताया है लेकिन यह राष्ट्रीय संघ उस वक्त कहां गया था जब पिछले महीने अपनी नाजायज मांगों को लेकर इन्हीं डॉक्टर्स की राज्यव्यापी हड़ताल की वजह से 30 लोगों को केवल इलाज के अभाव में अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।

इनका कहना है:

  • हमारी कोई मांग नहीं मानी गई है। किसी मांग को उॉक्टर हित और एमओयू में रखी शर्तों के अनुसार नहीं माना है। दमनकारी कार्रवाई जारी है। दमन नहीं रूकने तक हड़ताल जारी रहेगी।                                                                                                          – सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी
  • मेरे पदभार संभालने तक अब तक 800 से अधिक डॉक्टर्स के तबादले किए गए लेकिन पिछले माह किए गए सिर्फ 12 डॉक्टर्स के तबादलों को लेकर ही बवाल क्यों मचा। इसके बाद ही डॉक्टर्स हड़ताल पर क्यों गए। तबादले किसी हालत में निरस्त नहीं होंगे और न सरकार झुकेगी।
    – चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ

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