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गोड़वार फेस्टिवल झीलों की नगरी उदयपुर का सबसे पुराना और पॉपुलर पर्व माना जाता है। गोड़वार फेस्टिवल की शुरूआत कल यानि रविवार 18 मार्च से हो रही है। यह दो दिवसीय सेलिब्रेशन है जिसका समापन सोमवार, 19 मार्च को होगा। मूल रूप से यह त्योहार रणकपुर जैन मंदिर के पास मनाया जाता है। इस आयोजन का स्थल नरवनिया झील है। पाली जिला प्रशासन और राजस्थान पर्यटन विभाग के संयुक्त संयोजन से आयोजित यह त्योहार सभी धर्म, कला और संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करता है। यहां के स्थानीय निवासियों के साथ दूर स्थानों से लाखों पर्यटक गोड़वार फेस्टिवल में शामिल होने आते हैं और धूमधाम व जोशो-खरोब के साथ इसे सेलिब्रेट करते हैं।

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गोड़वार फेस्टिवल में राजस्थान की परंपरा नृत्य और अन्य कला रूपों का चित्रण किया गया है। नौकायन, बैलगाड़ी की सवारी, घोड़े की दौड़ और वन्यजीव सफारी जैसे इवेंट यहां काफी फेमस हैं। इनके अलावा पगड़ी बांधने की प्रतियोगिता भी काफी अनोखी और मनोरंजक है। मुख्य तौर पर गोड़वार फेस्टिवल की शुरूआत लोक नृत्य और क्षेत्रीय गीतों से होती है।

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नरवनिया झील के तट पर सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम और पारंपरिक खेलों का प्रस्तृतिकरण किया जाता है। गोड़वार फेस्टिवल में भारत और राजस्थान के साथ उदयपुर के गौरव और इतिहास को जीवंत कर मंच पर उतारा जाता है तो वाकई में एक शान का प्रतीक है।

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