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जयपुर-जोधपुर सहित राज्य के छह प्रमुख शहरों के मास्टर प्लान को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया। यह फैसला प्रदेश के विकास की दिशा तय करेगा। वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश अरुण भंसाली की खण्डपीठ ने गुरुवार को इस पर फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए। हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि अब प्रदेश में अनाधिकृत निर्माण कार्य स्वीकार नहीं किए जा सकेंगे। एक बार मास्टर प्लान बनने के बाद उसमें किसी तरह का फेरबदल करना आसान नहीं होगा। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से 22 मई तक पालना रिपोर्ट पेश करने के भी आदेश दिए हैं। कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री राजे ने यह उम्मीद जताई की इस फैसले से प्रदेश का सुनियोजित एवं जनोपयोगी विकास को बढ़ावा मिलेगा।

बिना पार्किंग सीज मल्टी स्टोरी बिल्डिंग

जयपुर-जोधपुर सहित छह बड़े शहरों में मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों का निर्माण धड़ले से हो रहा है। इनके निर्माण के लिए स्वीकृत नक्शों में बिल्डर पार्किंग का प्रावधान दर्शाते अवश्य थे, लेकिन वास्तविकता में उसे भी ऊंचे दाम पर बेच देते। इसके समाधान के लिए न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश अरुण भंसाली की खंडपीठ ने अपने आदेश में साफ कहा है कि ऐसी बिल्डिंगों में चार माह के भीतर पार्किंग को रि-स्टोर करना ही होगा। इसके लिए बिल्डरों को चार माह का समय दिया जाएगा। इसके बाद भी इन बिल्डिंगों को सीज कर दिया जाएगा।

कंपाउंड नहीं हो सकेंगे अनाधिकृत निर्माण

अपने आदेश में हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि अब जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, अजमेर व उदयपुर में स्थानीय निकाय की तरफ से स्वीकृत नक्शों के अनुसार ही निर्माण कार्य कराना होगा। अब अनाधिकृत निर्माण को पेनल्टी लगा कर कंपाउंड नहीं किया जा सकेगा।

मास्टर प्लान में नहीं हो सकेगा बदलाव

एक बार मास्टर प्लान स्वीकृत होने के बाद उसमें स्थानीय स्तर पर किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकेगा। यदि जनहित में बहुत आवश्यक है तो इसका निर्णय सिर्फ राज्य सरकार स्तर पर ही किया जा सकेगा।

गोचर भूमि की मांगी रिपोर्ट

हाईकोर्ट ने प्रदेश में उपलब्ध गोचर भूमि और उस पर अभी तक कराए जा चुके निर्माण या उसके स्टेटस में किए गए किसी भी बदलाव के बारे में चार माह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसे वापस रि-स्टोर करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है।

साफ होंगे फुटपाथ

हाईकोर्ट ने कहा कि प्रदेश के शहरों में राहगीरों के पैदल चलने को बनाए जाने वाले फुटपाथों को अतिक्रमण मुक्त किया जाए। इन पर किसी तरह का अतिक्रमण स्वीकार नहीं होगा।

सुनियोजित होगा विकास- मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे

हाई कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि प्रदेश का विकास सुनियोजित तरिके से किया जाएगा। हमारी सरकार स्वच्छ , सुंदर और स्मार्ट शहरों के विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। प्रदेश के सभी शहरों का नियोजित विकास राजस्थान सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि हम तो गांवों का विकास भी शहरों की तर्ज पर कर रहे हैं। आशा हैं कि यह निर्णय प्रदेश के सुनियोजित एवं जनोपयोगी विकास को बढ़ावा देगा।