IPS Rishiraj Singh from Rajasthan
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कुछ महीनों पहले केरल के एक मंत्री को सलाम न ठोकने के चलते एक आईपीएस आॅफिसर को नोटिस थमाने वाली घटना तो आपने सुनी ही होगी। बाद में केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांड़ी के निर्देश पर नोटिस जारी कर उनके बर्ताव के बारे में जवाब भी मांगा गया था। किसी महिला को 14 सैकेंड से ज्यादा घूरने पर एफआईआर दर्ज करने वाले कानून के चलते यह आॅफिसर फिर से सुर्खियों में छा गया है। इस समय यह आईपीएस फिर से अपनी जन्मभूमि राजस्थान लौट आया है। अपने निड़र स्वभाव और रोबीले अंदाज के बलबूते पर पुलिस फोर्स में इस वरिष्ठ आईपीएस ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इस दिलेर आॅफिसर का नाम है आईपीएस रिषीराज सिंह। आज आईपीएस रिषीराज सिंह का जन्मदिन है और उनके जन्मदिवस की बहुत-बहुत बधाई। 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी राजस्थान के बीकानेर में जन्में हैं। वर्तमान में वह पुलिस महानिरीक्षक, सशस्त्र पुलिस बटालियन और यातायात योजना और राजमार्ग गश्ती के प्रभारी हैं। पांच साल के कार्यकाल के बाद राज्य पुलिस में वापस आ गए हैं। उनके वापिस आने से पुलिस की पेट्रोलिंग काफी सख्त हुई है।

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IPS Rishiraj Singh from Rajasthan
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रिषीराज सिंह को शहर के पुलिस कमिश्नर और राज्य के विभिन्न जिलों में पुलिस अधीक्षक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपराधी आटो रिक्शा चालकों और गोण्डा तत्वों के एक अनुभाग को अनुशासित करने के लिए जाना जाता है। अपने स्टिंग आॅपरेशन के नए-नए तरीकों के साथ अपनी लंबी मुछों की वजह से यह अधिकारी पुलिस फोर्स में रोबिनहुड के तौर पर पहचाने जाते हैं। हाल ही में हाइवे पर हो रही लूट को गश्ती व स्टिंग के जरिए अपराधियों का भाड़ाफोड़ करने की वजह से रिषीराज फिर से लाइमलाइट में आ गए हैं।

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IPS Rishiraj Singh from Rajasthan
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रिषीराज सिंह लोगों में ट्रैफिक के अनुशासन के लिए जागरूकता पैदा करने पर भी काम कर रहे हैं। उनके अनुसार अब यातायात नियमों का पालन करने के लिए मोटर चालकों पर निर्भर है। राज्य में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताते हुए और नियमों का सख्ती से पालना के लिए उन्होंने यातायात पुलिस को यातायात नियम न मानने वाले मोटर चालकों पर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

इस स्थिति से निपटने के लिए उन्होंने लेन-अनुशासन को लागू करने, रात में हेडलाइट्स की गति और गिरावट को रोकने का बीड़ा भी उठाया है। वह एक स्थायी ट्रैफिक विंग के खिलाफ है। उनके अनुसार राज्य के दुर्घटना के परिदृश्य में भारी बदलाव ला सकता है। इसके लिए मोटरसाइकिल और जनता से एक ठोस प्रयास की आवश्यकता होती है। ड्राइविंग लाइसेंस प्रणाली को और सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता है। दोपहिया दुर्घटनाओं में हेलमेट 70 प्रशित तक की मौत को कम कर सकते हैं।

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