news of rajasthan
File image

हिंदू कैलेंडर के अनुसार आज संवत के आखिरी और सबसे बड़ा खग्रास चंद्रग्रहण है। इस चंद्रग्रहण को भारत में भी देखा जाएगा। खग्रास चंद्रग्रहण के कारण आज (बुधवार) को देश के सभी मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। इस खास मौके पर लोग पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान कर दान-पुण्य करेंगे। इसी के चलते बुधवार को पवित्र पुष्कर सरोवर में स्नान और दान-पुण्य के लिये श्रद्धालुओं का जमावड़ा रहेगा। मान्यता है कि ऐसा करने से चंद्रग्रहण का असर और दोष समाप्त होते हैं। संवत के आखिरी सबसे बड़े खग्रास चंद्रग्रहण का असर देश में ही नहीं बल्कि आसपास के कई देशो में भी देखा जाएगा।

news of rajasthan
File image

पंडितों और तीर्थ पुरोहितों के अनुसार चंद्रग्रहण के सूतक का समय बुधवार की सुबह 8 बजकर 21 मिनट से शुरू होगा जो रात 9 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। हालांकि ग्रहण का समय 3 घंटे 24 मिनट का बताया गया है जो शाम 5 बजकर 21 मिनट से 8 बजकर 45 तक चलेगा। लेकिन चंद्रग्रहण सूतक का असर पूरे दिनभर चलेगा।

सूतक के चलते पुष्कर स्थित विश्व के इकलौते जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के कपाट भी 8 बजकर 21 मिनट से रात्रि 9 बजकर 30 मिनट तक बंद रहेंगे। इस दौरान श्रद्धालु मंदिर दर्शन नहीं कर पाएंगे। धार्मिक नगरी पुष्कर के आसपास के सभी मंदिरों के पट आज बंद ही रहेंगे। साथ ही देश के सभी छोटे-बड़े मंदिरों में आज इसी निश्चित समय पर श्रद्धालुओं को दर्शन लाभ नहीं होंगे। राजधानी जयपुर के प्रथम पुज्य मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में भी अभिषेक नहीं होगा और न ही प्रसादी चढ़ेगी। इसी तरह शहर के अराध्यदेव गोविंददेवजी मंदिर के द्वार भी आज राज 9.30 बजे तक बंद रहेंगे।

मान्यता है कि ग्रहण के समय तीर्थो में दान-पुण्य करने का विशेष महत्त्व माना जाता है। धार्मिक नगरी पुष्कर में आज श्रद्धालुओं की खासी भीड़ देखी जा सकती है जो पवित्र सरोवर में स्नान करने पहुंचे हैं। अन्य स्थानों पर भी पवित्र नदियों में चंद्रग्रहण के समय स्नान करने के लिए लोगों का जमावड़ा लगा रहेगा।

read more: जयपुर का आॅटो चालक बना स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 का ब्रांड एम्बेसेडर