Rajasthan Schemes for Prisoners

Rajasthan Schemes for Prisoners

राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश के जेलों में बंद कैदियों के उत्थान के लिए कई अभूतपूर्व प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कैदियों को स्वाभिमानी व अपराध जगत से बाहर निकालने के लिए स्वरोजगार का पाठ पढ़ाने का कार्य किया जा रहा हैं। राजस्थान सरकार अब जेल में शोरुम बनाने जा रही हैं जहां जेल के बंदी अपने हाथों से बनाई हुई वस्तुओं को सीधे लोगों तक बेच सकेंगे। राजस्थान में कैदियों के लिए स्वरोजगार के लिहाज से यह प्रदेश का पहला और देश का छठा शोरूम होगा जो बंदियों के उत्पादों को बाजार में बेचेगा। शोरूम के रंग रोगन करने के साथ इसे बंदियों की ओर से पेंटिंग करके सजाया जा रहा है। इसका उद्देश्य बंदियों को आमजन से जोड़ना है, ताकि जेल से बाहर आने पर वे अपराध छोड़कर स्वरोजगार अपना सकें।

जेल से बाहर आने पर मिलेगा नया जीवन, स्वरोजगार

वसुंधरा सरकार कैदियों को जेल से बाहर आने के बाद नई जिंदगी और स्वरोजगार प्रदान करना चाहती हैं जिससे बंदी आपराधिसक गतिविधियों में लिप्त ना होकर अपना नया जीवन शुरु कर सकें। कई बंदियों में हाथ का हुनर होता हैं। उनके कार्य को जानकर जेल में करने योग्य उत्पादन कार्य के लिए उन्हें संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसी तरह सश्रम कारावास की सजा वाले बंदियों को उनकी रुचि के अनुसार जेल में उपलब्ध कार्य सिखाया जाता हैं। काम सीखने के बाद बंदियों को उत्पादकता का मेहनताना दिया जाता हैं।

सजा होगी कम, मानसिकता में आयेगा बदलाव

बंदियों के द्वारा जेल के नियमानुसार कार्य करने पर एक वर्ष में करीब डेढ़ महीने तक की सजा में छूट का लाभ भी मिलता है। बंदियों को उत्पादन कार्य में व्यस्त रखने से उनमें स्वरोजगार की ओर अग्रसर होने की भावना जागी है। कई बंदी जेल से अपने उत्पादों को बेचकर परिवार के लिए रुपए भेज रहे हैं। एडीजी (जेल) सुधाकर जौहरी ने बताया कि जयपुर जेल परिसर में खोले जा रहे शोरूम में प्रदेश की अन्य जेलों से भी उत्कृष्ट उत्पादों को बेचने के लिए मंगवाया जाएगा। इससे ने केवल बंदियों को आमजन से जुड़ने के अवसर मिलेंगे, बल्कि उनकी मानसिकता में परिवर्तन होगा।

 जेल से निकल कर शुरु करें अपना स्टार्टअप

जयपुर सेंट्रल जेल में कई बंदी बूंदी शैली, नाथद्वारा की पिछवाई शैली व किशनगढ शैली के अच्छे कलाकार हैं। उनकी पेंटिग जवाहर कला केंद्र में लगने वाले हैंडीक्राफ्ट मेले और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में प्रदर्शित की जाती रही हैं। बंदियों के द्वारा लकड़ी की आलमारियां, फर्नीचर, कूलर, दरियां- चटाइयों के साथ हैंडीक्राफ्ट भी बनाएं जाते हैं। महिला जेल में हाथ से कुटे हुए मसालों का उत्पादन किया जा रहा हैं। रजाई -गद्दे, हाथ की कढ़ाई की साड़ियां, कसीदाकारी और हैंडीक्राफ्ट को बेचा जाएगा। हालांकि शहर के व्यापारी उनका उत्पाद खरीद भी रहे हैं।

 आधुनिक जेलों का निर्माण व जेल शॉप से बदलेगा बंदियों का जीवन

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को पुनर्स्थापित करने के भरसक प्रयास किए हैं। पहले की तुलना में जेलों में सूधार हुआ हैं। प्रदेश में जेलों की संख्या में बढोत्तरी हुई हैं। जेलों में आपराधिक गतिविधियों और सुरक्षा को बढाया गया हैं। नई और आधुनिक जेलों का निर्माण किया हैं। अब जेल में बंद कैदियों को स्वरोजगार व आत्मसम्मान के साथ पुनर्वास करने के लिए जेल में बने उत्पादों को आम जन तक पहुंचाये जाने का एक सरहानिय प्रयास भी राजे सरकार कर रही हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अन्य राज्यों की पहल पर प्रदेश में जेल शॉप बनाकर वही से कैदियों द्वारा बनाया गया सामान आम जन तक पहुंचाने की व्यवस्था की हैं।  राजस्थान सरकार की इस पहल से बंदियों की मानसिकता में परिवर्तन आयेगा साथ ही आमजन के साथ सामंजस्य स्थापित होगा।