Rajasthan Soil Health Card scheme
Bhilwara-Panna-Lal-Sharma.

वसुंधरा राजे सरकार ने किसानों को उन्नत और समृद्ध बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की है। प्रदेश का किसान इन योजनाओं से लाभान्वित हो रहा है। राजे सरकार की ऐसी ही एक योजना है  सॉयल हैल्थ कार्ड। इस योजना के अंतर्गत सरकार की ओर से मृदा का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। सॉयल हैल्थ कार्ड योजना से प्रदेश के किसानों को बहुत फायदा हुआ है। योजना से किसानों खेतों में भरपूर पैदावार होने लगी है जिससे राज्य के किसान परिवारों में खुशहाली आई है। आज हम एक भीलवाड़ा जिले के किसान की पन्नालाल की बात करने जा रहे हैं, जिनका राजस्थान सरकार की सॉयल हैल्थ कार्ड योजना के लाभ ने पूरा जीवन ही बदल दिया है।

Rajasthan Soil Health Card scheme
सरकार की सॉयल हैल्थ कार्ड स्कीम ने बदल दिया पन्नालाल का जीवन.

ऐसे आया किसान पन्नालाल के जीवन में सकारात्मक बदलाव

किसान पन्नालाल भीलवाड़ा जिले की सहाड़ा पंचायत समिति के अंतर्गत गणेशपुरा ग्राम पंचायत के गलोदिया गांव के रहने वाले हैं। वे लघु सीमांत श्रेणी के किसानों की श्रेणी में आते हैं। किसान पन्नालाल को वसुंधरा सरकार की योजना में सॉयल हैल्थ कार्ड बनने से पहले उचित फसल उत्पादन, भूमि संबंधी समस्या, सिंचाई, उर्वरकता, खाद (डीएपी, यूरिया) आदि के अधिक प्रयोग से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था। लेकिन राजस्थान सरकार के कृषि विभाग द्वारा मृदा स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद उसको जबरदस्त लाभ हुआ है। सरकार की इस स्कीम के तहत जब से उन्हें सॉयल हैल्थ कार्ड प्राप्त हुआ, तब से खेती में अधिक पैदावार होने लगी है। योजना में मृदा का स्वास्थ्य परीक्षण करने से किसानों के खेतों में हरी-भरी फसल लहलहा रही है।

योजना से किसानों के खेतों को मिला नया जीवन: सॉयल हैल्थ कार्ड योजना ने किसानों के खेतों को नया जीवन दिया है। प्रदेश का किसान इस योजना से खेतों में काफी बदलाव महसूस करने लगे हैं। किसानों का कहना है कि मृदा स्वास्थ्य परीक्षण योजना के कारण उनके खेतों की मिट्टी के बारे में पूरी वैज्ञानिक जानकारी मिली है। साथ ही यह भी पता चला है कि खेत की मिट्टी में क्या कमी है और किस तरह उस कमी को पूरा करते हुए कम से कम जमीन में अधिक से अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है। किसानों मानना है कि राजे सरकार द्वारा शुरू की गई मृदा स्वास्थ्य परीक्षण योजना ने कृषकों की जिंदगी ही बदल दी है। सरकार की इस योजना से किसानों में जागरुकता का संचार भी हुआ है।

उत्पादन और मुनाफा दोनों में हुआ जबरदस्त इजाफा: सरकार की इस योजना में वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को बताई गई जानकारी से यह अच्छी तरह पता चल गया कि जमीन में किस फसल के लिए कितना खाद डालना है, ऊसर जमीन को कैसे सुधारा जा सकता है। कृषि ​वैज्ञानिकों द्वारा बताई गई तकनीकों के प्रयोग से खेतों में होनेे वाले रासायनिक उर्वरक सहित कई खर्चों में कमी आई है। किसानों के खेतों में उत्पादन बढ़ने के साथ आमदनी में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है।

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सॉयल हैल्थ कार्ड प्राप्त करने और वैज्ञानिकों द्वारा बताए गए तरीकों को ​सीखकर किसान पन्नालाल खुद वैज्ञानिक तरीके से खेती करना सीख चुके हैं और अपने खेतों की मिट्टी की सभी प्रकार की जाँचों, मुख्य पोषक तत्वों, जाँच के अनुसार खाद व ऊर्वरकों की सिफारिश, सूक्ष्म पोषक तत्वों, मृदा गुण व पोषक तत्वों के उपयुक्त स्तर, पोषण प्रबन्धन, सफेद व काला ऊसर की पहचान व सुधार, फसलों के चयन आदि के बारे में सटीक फैसला कर लेते हैं। पन्नालाल की तरह ही भीलवाड़ा जिले में ऐसे हजारों किसान हैं जिन्होंने सॉयल हैल्थ कार्ड स्कीम के जरिए अपने खेतों की तस्वीर बदल कर खुद को उन्नत और समृद्ध किसान बनाया है।