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अपनी ऐतिहासिक धरोहरों, अनूठी संस्कृति के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध राजस्थान के वैभव में अब और निख़ार आने वाला है। केंद्र सरकार ने अपने पर्यटन मंत्रालय की ओर से संचालित स्वदेश दर्शन/प्रसाद योजना के अंतर्गत राजस्थान की विरासत का सौंदर्यीकरण करने के लिए कुल  99 करोड़ 60 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की है। राजस्थान सरकार ने पिछले साल इस हेतु भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था। आख़िरकार केंद्रीय मंत्रालय की ओर से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। अब भारत सरकार कुल 99 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से प्रदेश के गौरवमय इतिहास का संवर्धन और संरक्षण करेगी।

पर्यटकों को मुहैया होगी सभी सुविधाएँ:

अपनी प्रसाद योजना के द्वारा केंद्र सरकार राजस्थान में एक हेरिटेज सर्किट का निर्माण करेगी। इसमें शामिल होने वाले राज्य के सभी धरोहरों व पर्यटन स्थलों पर देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों के लिए अराम स्थल, सीसीटीवी सर्विलांस, इंटरनेट सुविधा के लिए वाई-फाई सिस्टम और लाइट एंड साउंड शो जैसी आकर्षक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके अलावा राजधानी जयपुर के परकोटे में सड़कों पर मनमोहक रौशनी की व्यवस्था भी की जाएगी।

सभी प्रमुख किलों, दुर्गों के लिए स्वीकृत हुआ फण्ड:

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने राजस्थान की धरोहर को संवारकर इसे हेरिटेज सर्किट में सम्मिलित किया है। केन्द्र ने सभी विरासतों के संरक्षण और संवर्धन के लिए फण्ड की स्वीकृति दे दी है।

इसके अनुसार अपने वैभव और वीरता के लिए विश्वविख्यात राजसमंद स्थित कुंभलगढ़ दुर्ग के पुनरोद्धार के लिए 751 लाख रूपए, जयपुर शहर की शान, नाहरगढ़ किले के लिए 110 लाख रूपए,  अलवर के बाला किला के लिए 166.22 लाख रूपए, राणा हम्मीर की शौर्यगाथा गाने वाले  सवाईमाधोपुर ज़िले में स्थित रणथम्भौर दुर्ग के लिए 80.48 लाख रूपए व सवाईमाधोपुर के ही खंडार फोर्ट के लिए 224.45 लाख रूपए, झालावाड़ के गागरोन दुर्ग हेतु 283.07 लाख रूपए, मेवाड़ी शान के प्रतीक चित्तौड़गढ़ दुर्ग के लिए 1156.92 लाख रूपए, जैसलमेर के स्वर्ण दुर्ग हेतु 740.28 लाख रूपए, हनुमानगढ़ के भटनेर दुर्ग व कालीबंगा के लिए क्रमशः 304.90 लाख रूपए व 43.37 लाख रूपए, जालोर फोर्ट के लिए 882.52 लाख रूपए, प्रताप गौरव केंद्र, उदयपुर के लिए 716.38 लाख रूपए, धोलपुर के नीलोफ़र बाग़ के लिए 58.20 लाख रूपए व पुरानी छावनी के लिए 68.45 लाख रूपए, मेड़ता (नागौर) स्थित मीराबाई स्मारक के लिए 208.94 लाख रूपए और हनुमानगढ़ की  गोगामेड़ी के लिए 685.14 लाख रुपए की स्वीकृति पर्यटन मंत्रालय की ओर से प्रदान की गई है।