success story ajmer
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राजस्थान सरकार प्रदेश में पानी की समस्या से निजात के लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना चला रही है। केंद्र सरकार की मदद से भी राज्य में पानी के संकट से छुटकारा पाने के लिए कुछ योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। प्रदेश के किसानों को खेती करने के पर्याप्त पानी मिल सके इसके लिए केंद्र और राज्य मिलकर काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में चलाई जा रही ऐसी ही एक योजना है राष्ट्रीय कृषि विकास योजना। इस योजना के तहत बनाई गई खेत तलाई ने अजमेर के देवगांव और कणोज ग्राम पंचायतों की तस्वीर ही बदल दी है।

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                              खेत तलाई ने ऐसे बदली देवगांव और कणोज ग्राम पंचायत की तस्वीर.

884 खेत तलाई का करवाया गया है यहां निर्माण

पानी की कमी से जूझ रहे राजस्थान के गांवों में खेत तलाई वरदान साबित हो रहा है। अजमेर जिले के देवगांव और कणोज ग्राम पंचायतों में खेत तलाईयों ने किसानों का जीवन ही बदल दिया है। यहां विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत 884 खेत तलाईयों का निर्माण करवाया गया है। जिससे अब यहां के किसान वर्ष में 2 बार खेती करने लगे हैं। इन ग्राम पंचायतों में भूजल स्तर  बढ़ने से किसानों के घरों में समृद्धि आई है। अजमेर ​जिला कलेक्टर गौरव गोयल के अनुसार देवगांव एवं कणोज ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले राजस्व ग्राम देवगांव, शम्भूपुरा, दयालपुरा, धौलाई, कणोज, देवलियाखुर्द एवं काबरिया में पिछले कुछ सालों में 884 खेत तलाईयों का निर्माण राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत करवाया गया। इसके अलावा 6 खेत तलाईयों का निर्माण राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत किया गया है। योजना के तहत बनी तलाईयों के फायदों को देखते हुए इस क्षेत्र के किसानों ने खुद के खर्चे पर भी 150 खेत तलाईयों का निर्माण करवा लिया है।

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अब अच्छा मुनाफा कमा पा रहे हैं किसान: कृषि विभाग के उप निदेशक वी.के. शर्मा के अनुसार इस क्षेत्र में खेत ​त​लाई की क्रांति आने से पहले किसानों की हालत बेहद खस्ता थी। यहां के किसानों के लिए खेती लगातार घाटे का सौदा बनती जा रही थी। लेकिन अब यहां खेतों में अच्छी फसल से किसानों को अधिक मुनाफा हो रहा है। जिससे उन्हें आर्थिक रूप से मजबूती मिल रही है। इन ग्राम पंचायतों में वर्ष 2016-17 में फसल बुवाई क्षेत्र 4268 हैक्टयर से बढ़कर 5777 हैक्टयर हो गया है, जो यह बताता है कि सरकार की योजना में बनाई गई खेत तलाई से उनके कितना लाभ मिल रहा है। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के किसानों को ​भी इस योजना का लाभ उठाना चाहिए जिससे वे भी अच्छी जल एकत्र कर अच्छी पैदावार प्राप्त कर सके।