Swachh Bharat
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स्वच्छता में रैंकिंग तय करने के लिए बुधवार से सर्वे शुरू हो जाएगा। एक माह तक चलने वाले सर्वे में जयपुर को साफ-सुथरा दिखाने के लिए नगर निगम ने काम शुरू कर दिया है। इसका असर स्वच्छता एप पर नजर आने भी लगा है। एक दिन में जयपुर मुंबई से आगे निकल गया है। जयपुर की रैंक 21 नम्बर है, जबकि मुंबई दो अंक पीछे होकर 22 पर आ गया है।

जयपुर की सफाई की रैंक बढ़ाने में लोगों में भारी उत्साह दिखाई दे रहा हैं। नगर निगम की और से 15 दिन पहले लॉन्च की गई स्वच्छता-मोड ऐप को अब तक 8,797 लोगों ने डाउनलोड किया है। इस ऐप के जरिए 1,622 लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई है। जिसमें से निगम ने 14 सौ शिकायतों का निस्तारण किया है। जानकारी के अनुसार बुधवार को देश के 500 शहरों में क्वालिटी काउंसिल ऑफ इण्डिया की ओर से स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होने जा रहा है। जिसमें ऐप यूजर से स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़े कुछ सवाल पूछे जाएंगी। उसके आधार पर स्वच्छता के मामलों में शहरों की रैंकिंग की जाएगी। सफाई रैंकिंग में मुंबई 22वें और जयपुर 21वें नंबर पर है।

ऐसे काम करता है ऐप

इस ऐप को एंड्रोयड मोबाइल के प्लेस्टोर में जाकर डाउनलोड करना होगा। उसके बाद यूजर को अपने मोबाइल नंबर को रजिस्टर्ड करना होगा और अपनी प्रोफाइल बनानी पड़ेगी। यह ऐप आप की लोकेशन सर्विस और कैमरा का ऐक्सेस भी मांगता है, जिले अलाऊ करना जरूरी है। अब गंदगी के मौके की फोटो खींच कर जगह का नाम लिख कर इस ऐप पर अपलोड करना होगा। इसके 24 घंटे में निगम अधिकारी मौके पर जाकर इसका निस्तारण करेंगे।

उधर, तीन शहरों के साथ गुजरात नम्बर एक पर है। अहमदाबाद, सूरत व राजकोट पहले से तीसरे पायदान पर हैं। ऐसे में जयपुर निगम ने स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए जागरुकता अभियान और तेज कर दिया है। स्वच्छता एप से 9097 लोग जुड़ चुके हैं, जबकि इसकी शुरुआत हुए कुछ दिन हुए हैं। इसके जरिए अब तक 1622 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें से 68 फीसदी समस्या निस्तारित होने का दावा किया जा रहा है।

निगम अधिकारियों के मुताबिक शहरी विकास मंत्रालय की टीम जयपुर आएगी। यहां स्वच्छता के मापदण्ड के तहत रैंकिंग तय करने की प्रक्रिया होगी।

6 सवाल, जिससे तय होगी दिशा…

क्या आपको पता है कि आपका शहर स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 में हिस्सा ले रहा है?

आप अपने इलाके को पिछले वर्ष से ज्यादा साफ पाते हैं?

इस वर्ष आपको बाजार के इलाकों में डस्टबिन आसानी से मिल रहे हैं?

इस वर्ष डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण बेहतर है?

पिछले वर्ष के मुकाबले सार्वजनिक-सामुदायिक शौचालयों तक पहुंच में सुधार हुआ है?

सार्वजनिक-सामुदायिक शौचालयों में पानी, प्रकाश, दरवाजे आदि की सुविधाओं में सुधार हुआ है ?