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परियोजना का उदघाटन करते केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान।
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परियोजना का उदघाटन करते केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान।

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बाड़मेर के सेंट्रल पॉलीमर फैसिलिटी में रविवार को मंगला-भाग्यम-ऐश्वर्या (एमबीए) क्षेत्रों के लिए उन्नत तेल प्राप्ति (एनहांस्ड आयल रिकवरी) एमबीए-ईओआर परियोजना कार्यक्रम का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम राजस्थान से 5 लाख बैरल तेल प्रतिदिन (बीओपीडी) के उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा। साथ ही ईओआर प्रौद्योगिकी और एमबीए परियोजना दुनिया में सबसे बड़ी पॉलीमर फ्लड परियोजना होगी। एमबीए-ईओआर परियोजना प्रोजेक्ट पर वेदान्ता केयर्न ऑयल एंड गैस ने बाड़मेर के तेल क्षेत्रों से कच्चे तेल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए 37 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने का संकेत दिया है। यह कंपनी राजस्थान में भारत के सबसे बड़े तटवर्ती तेल ब्लॉक का संचालन कर रही है।

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प्लांट का निरीक्षण करते केन्द्रीय मंत्री।

वेदान्ता केयर्न ऑयल एंड गैस ने 13 लाख बैरल तरल को संभालने के लिए मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल को अपग्रेड करने की योजना बनाई है। इसके अलावा मंगला 200 से अधिक कुओं के ड्रिलिंग के साथ क्षारीय सरफेक्टेंट पॉलिमर फ्लड प्रोग्राम को आगे बढ़ाया जायेगा। भाग्यम और ऐश्वर्या के लिए लगभग 70 अतिरिक्त कुओं की योजना है। एमबीए-ईओआर परियोजना के उद्घाटन करने के बाद केंद्रीय मंत्री ने युवा इंजीनियरों और महिला पेट्रोलियम इंजीनियरों के समूह के साथ बातचीत की।

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प्लांट रोपित करते मंत्री और उपस्थित अतिथि।

एमबीए-ईओआर परियोजना के उद्घाटन के मौके पर मंगला प्रसंस्करण टर्मिनल में केयर्न ऑयल एंड गैस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर माथुर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि कंपनी ने उत्पादन को दोगुना करने का प्रस्ताव दिया है। यह एमबीए-ईओआर परियोजना प्रदेश में अधिक उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कंपनी के अनुसार 12 हजार करोड़ रुपये की पूंजी निवेश योजना के आधार पर उत्पादन 3 लाख तक बढ़ेगा जिसके लिए कार्य शुरू किया जा चुका है। इसे मिला कर अगले कुछ वर्षों में कुल 37 हजार करोड़ रुपये से अधिक की पूर्ण निवेश योजना के साथ उत्पादन 5 लाख बीओपीडी तक बढ़ाया जाएगा।

एमबीए-ईओआर परियोजना प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सुनीति भट्ट ने कहा कि मंगला ईओआर परियोजना इस क्षेत्र से 20 करोड़ बैरल का अतिरिक्त उत्पादन प्रदान कर सकती है। जबकि भाग्यम और ऐश्वर्या ईओआर लगभग 6 करोड़ बैरल का अतिरिक्त उत्पादन अगले 12 वर्षों में प्रदान कर सकती है।

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